अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है, जानें पौराणिक कथाएं

आखिर अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है? हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। जो की वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हालांकि, अक्षय तृतीया को लोग आखा तीज के नाम से भी जानते हैं। वहीं इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुभ और फलदायक माना जाता है।

Akshaya Tritiya Kyu Manaya Jata Hai

ऐसे में क्या आप भी “अक्षय तृतीया क्यों मनाते हैं” जानने के लिए उत्सुक हैं तो इसके लिए आपको आज का यह लेख अंत तक अवश्य पढ़ना होगा। चाहे आप इस त्योहार से परिचित हों या नहीं, यह लेख आपको अक्षय तृतीया से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं और आधुनिक परंपराओं के बारे में गहराई से बताएगा।। ताकि, आप सभी को अक्षय तृतीया व्रत के महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।

अक्षय तृतीया क्या है?

अक्षय का मतलब अविनाशी यानि, जो कभी नष्ट न हो होता है। अक्षय तृतीया का शाब्दिक अर्थ है “कभी न खत्म होने वाला तीसरा दिन“। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया सभी शुभ कार्य और दान पुण्य अक्षय फलदायी होते हैं। क्योंकि, अक्षय तृतीया के दिन हीं भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में अवतार लिया था।

इसीलिए, अक्षय तृतीया को लोग भगवान विष्णु के परशुराम अवतार का जन्म दिवस भी मानते हैं। वहीं हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बहुत हीं खास महत्व होता है और इस दिन सोना खरीदना बहुत हीं शुभ और फलदायक माना जाता है।

त्योहारअक्षय तृतीया
अन्य नामआखा तीज, अक्षय तीज
अनुयायीहिन्दू, जैन
प्रकारहिन्दू धर्मीय
महत्वधर्म, पुण्य, धन और कर्म आदि अक्षय फल
उत्सवव्रत, दान, पूजन
आवृत्तिवैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि
संबंधित त्यौहारचैत्र शुक्ल प्रतिपदा, दशहरा और दीपावली
तारीखशुक्रवार, 10 मई 2024

अक्षय तृतीया कब है?

इस साल 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई को है। इसीलिए, अगर आप अक्षय तृतीया व्रत रखने की सोच रहे हैं या इस दिन शुभ कार्य करने की सोच रहे हैं तो आप 10 मई को कर सकते हैं।

अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है?

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया बहुत हीं धूम धाम से मनाया जाता है। इसके पीछे कई सारी वजहें है, जो मैं आपको इस लेख के नीचे विस्तार पूर्वक बताने वाला हूं।

  • इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिया था, जिससे अर्जुन को ज्ञान और शक्ति प्राप्त हुई थी।
  • यह दिन भगवान परशुराम का जन्मदिन है और उनके अवतार का प्रारंभ भी इसी दिन माना जाता है।
  • इस दिन धन-धान्य, वस्त्र, आभूषण, आदि खरीदने का शुभ माना जाता है। नये कार्य प्रारंभ करने और नये व्यवसाय शुरू करने का भी अच्छा मुहूर्त होता है।
  • इस दिन भगवान गणेश और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म का मानना है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया सभी कार्य और किया गया सभी दान-पुण्य अक्षय फलदायी होते हैं। अर्थात इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है। वहीं अक्षय तृतीया को लोग कर्मयोग का प्रारंभ भी मानते हैं।

अक्षय तृतीया कैसे मनाया जाता है?

अक्षय तृतीया लोग हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार मनाते हैं। लेकिन, कोई जरूरी नहीं है कि सभी लोग अक्षय तृतीया एक हीं तरीके से मनाएं। देखा जाए तो अक्षय तृतीया लोग विभिन्न तरीकों से मनाते हैं। जो की इस प्रकार है:

  • अक्षय तृतीया के दिन लोग नये वस्त्र धारण करते हैं।
  • घरों की अच्छे से साफ सफाई की जाती है।
  • अक्षय तृतीया के दिन लोग कुछ न कुछ अवश्य दान करते हैं।
  • वहीं इस दिन विष्णु भगवान, लक्ष्मी देवी और कुबेर भगवान का पूजा किया जाता है।
  • इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन काफी सारे लोग व्रत भी रखते हैं।
  • इस दिन सोना-चांदी लोग अवश्य खरीदते हैं। क्योंकि, इस दिन सोना चांदी खरीदना काफी शुभ होता है।
  • मीठे पकवान बनाए जाते हैं और भगवान को भोग लगाया जाता है।

अक्षय तृतीया का क्या महत्व है?

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का काफी महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि, इस दिन विष्णु भगवान के परशुराम रूप का अवतार हुआ था, महाभारत का आरंभ और साथ हीं गंगानदी का अवतरण हुआ था। इसके अलावा अक्षय तृतीया को शुभ कार्यों का प्रतीक भी माना गया है।

अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए?

अक्षय तृतीया के दिन आपको विष्णु भगवान, परशुराम भगवान और साथ हीं गंगा मां का पूजा अर्चना करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए इससे आपके सारे पाप धुल जाएंगे। वहीं अक्षय तृतीया के दिन दान पुण्य भी करना चाहिए और साथ हीं कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत करना चाहिए।

निष्कर्ष

हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है और साथ हीं अक्षय तृतीया के महत्व के बारे में आसानी से समझ आ गया होगा।

वहीं अक्षय तृतीया की बात करें तो यह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। जो धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है, जब लोग अपने जीवन में सुख समृद्धि लाने के लिए भगवान को पूजते हैं और सभी तरह के पुण्य कार्य करते हैं।